प्रयागराज, । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार व माध्यमिक शिक्षा परिषद से पूछा है कि नियोजक के खिलाफ वाट्सएप ग्रुप पर सहायक अध्यापकों द्वारा चैट करने पर सेवा नियमावली के तहत विभागीय अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है या नहीं। कोर्ट ने इस मामले में तीन सप्ताह में जवाब मांगा है और याची के खिलाफ डीआईओएस गोरखपुर के गत 18 अप्रैल के आदेश पर रोक लगाते हुए वाट्सएप मैसेज के आधार पर विभागीय कार्रवाई न करने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति जेजे मुनीर ने कमलेश यादव की याचिका पर अधिवक्ता अभिषेक यादव व आरएनयादव को सुनकर दिया है।
याची भोलाराम मस्करा इंटर कॉलेज गहनसाद सहजनवा गोरखपुर में सहायक अध्यापक है। उसने वाट्सएप ग्रुप पर नियोजक के खिलाफ टिप्पणी की थी।