साक्ष्य होने के बावजूद बिना विभागीय जांच बर्खास्तगी अवैधानिक : हाईकोर्ट



प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने

रिश्वत लेने के आरोपी दरोगा की बर्खास्तगी आदेश को रद्द करते हुए बहाली का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि उप्र अधीनस्थ श्रेणी के पुलिस अधिकारियों की (दंड एवं अपील) नियमावली 1991 के नियम 8 (2) (बी) के प्रावधानों के तहत आरोपों के संबंध में पर्याप्त साक्ष्य होने के बावजूद बगैर विभागीय कार्यवाही के पुलिसकर्मी को बर्खास्त किया जाना गैरकानूनी है।

यह आदेश न्यायमूर्ति सलिल कुमार राय की एकल पीठ ने गौतम बुद्ध नगर के ईकोटेक थाने में तैनाती के दौरान रिश्वत लेने के आरोपी दरोगा गुलाब



सिंह की ओर से बर्खास्तगी आदेश को चुनौती देने वाली याचिका की स्वीकार करते हुए दिया।

याची के वरिष्ठ अधिवक्ता विजय गौतम ने बताया कि आरोप था कि उसने एक मुकदमे की विवेचना के दौरान प्रकाश में आए आरोपी राजीव सरदाना से सार्वजनिक रूप से चार लाख रिश्वत ले रहे थे। तभी भ्रष्टाचार निरोधक दस्ते ने गिरफ्तार कर सूरजपुर थाने में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज कर जेल भेजा गया था।