यूपी विधानसभा चुनाव टालने पर विचार करे सरकार, हाई कोर्ट ने ओमिक्रोन वैरिएंट के खतरे को देखते हुए दिया सुझाव

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने देश-विदेश में कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए विधानसभा चुनाव टालने का सुझाव दिया है। कोर्ट ने अनुरोधपूर्वक कहा कि उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक पार्टियां रैलियों में भारी भीड़ एकत्र कर रही हैं। प्रधानमंत्री और चुनाव आयुक्त चुनावी रैलियों पर कड़ाई से रोक लगाएं। राजनीतिक पार्टियों से कहा जाए कि वे चुनाव प्रचार इलेक्ट्रानिक माध्यम और समाचार पत्रों के माध्यम से करें। न्यायालय ने स्पष्ट किया कि प्रधानमंत्री चुनाव टालने पर भी विचार करें, क्योंकि जान है तो जहान है।






यह आदेश न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव ने उत्तर प्रदेश गिरोहबंद कानून के तहत जेल में बंद आरोपी संजय यादव की जमानत मंजूर करते हुए दिया है। संजय यादव के खिलाफ प्रयागराज के थाना कैंट में मुकदमा दर्ज है। हाई कोर्ट ने जमानत मंजूर करते हुए कहा कि आज इस न्यायालय के समक्ष लगभग चार सौ मुकदमे सूचीबद्ध हैं। इसी प्रकार से प्रतिदिन मुकदमे न्यायालय के समक्ष सूचीबद्ध होते हैं, जिसके कारण अधिक संख्या में अधिवक्तागण उपस्थित होते हैं। इससे कोरोना के मद्देनजर शारीरिक दूरी मानक का पालन नहीं हो पाता है। वहीं, कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन के मरीज बढ़ते जा रहे हैं। इससे तीसरी लहर आने की संभावना है।



कई देशों में लगा लाकडाउन : हाई कोर्ट ने कहा कि समाचार पत्रों के अनुसार ओमिक्रोन के 24 घंटे में हजार नए मामले मिले हैं। इसमें 318 लोगों की मौतें हुई हैं। इस महामारी को देखते हुए चीन, नीदरलैंड, आयरलैंड, जर्मनी, स्काटलैंड जैसे देशों ने संपूर्ण व आंशिक लाकडाउन लगा दिया है। ऐसी दशा में महानिबंधक, उच्च न्यायालय इलाहाबाद से आग्रह है कि वह इस विकट स्थिति से निपटने के लिए नियम बनाएं।


तो भयावह होगा परिणाम : हाई कोर्ट ने कहा कि उत्तर प्रदेश के ग्राम पंचायत व पश्चिम बंगाल के विधानसभा के चुनाव में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ गई थी। कोरोना की दूसरी लहर में काफी लोगों की मौत हुई है। इधर, फिर से उत्तर प्रदेश का विधानसभा चुनाव निकट है। इसके लिए राजनीतिक दल रैली व सभाओं में लाखों लोगों की भीड़ जुटा रहे हैं। कोविड-19 नियम का पालन कहीं नहीं हो रहा है। इसे समय रहते नहीं रोका गया तो परिणाम दूसरी लहर से कहीं अधिक भयावह हो सकता है। ऐसी दशा में संभव हो सके तो फरवरी में होने वाले चुनाव को एक-दो माह के लिए टाल दें।


मुफ्त टीकाकरण का अभियान प्रशंसनीय : हाई कोर्ट ने कहा कि प्रधानमंत्री ने भारत जैसे विशाल जनसंख्या वाले देश में कोरोना मुफ्त टीकाकरण का जो अभियान चलाया है, वह प्रशंसनीय है। कोर्ट प्रधानमंत्री से अनुरोध करती है कि इस भयावह महामारी की स्थिति को देखते हुए कड़े कदम उठाएं। कोर्ट ने इस आदेश की एक प्रति महानिबंधक उच्च न्यायालय इलाहाबाद, चुनाव आयुक्त व केंद्र सरकार को प्रेषित करने का निर्देश दिया है।