राजनीतिक दलों और प्रत्याशियों को सूचना दिए बिना गुपचुप ईवीएम ले जाए जाने के आरोप लगाते हुए समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को वाराणसी में हंगामा कर दिया। सपा मुखिया अखिलेश यादव ने भी सरकार पर वोटों की चोरी के गंभीर आरोप लगाकर कार्यकर्ताओं को ईवीएम की निगरानी पर लगा दिया। वहीं, देर रात निर्वाचन आयोग की ओर से इस पर स्थिति स्पष्ट की गई। दावा किया कि मतदान में प्रयुक्त ईवीएम सीलबंद और सुरक्षित हैं। राजनीतिक दल कार्यकर्ताओं ने जो ईवीएम रोककर हंगामा किया, वह अलग से प्रशिक्षण के लिए रखी गई थीं।
चुनाव आयोग ने कहा है कि कुछ मीडिया चैनलों द्वारा यह संज्ञान में लाया गया है कि वाराणसी में कुछ इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीनें गाड़ी में ले जाई जा रही थीं, जिन पर वहां उपस्थित राजनीतिक प्रतिनिधियों द्वारा आपत्ति की गई। जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा भेजी गई रिपोर्ट के अनुसार, जांच में यह पाया गया कि ये ईवीएम प्रशिक्षण के लिए चिन्हित थीं। जिले में मतगणना अधिकारियों के प्रशिक्षण के लिए बुधवार को प्रशिक्षण आयोजित किया गया है, जिसके लिए ईवीएम मंडी में स्थित अलग खाद्य गोदाम में बने स्टोरेज से यूपी कालेज स्थित प्रशिक्षण स्थल ले लाई जा रही थीं। बुधवार को मतगणना ड्यूटी में लगे कर्मचारियों की दूसरी ट्रेनिंग है और हैंड्स आन ट्रेनिंग के लिए यह मशीनें हमेशा प्रयुक्त होती हैं।
कुछ राजनीतिक लोगों ने वाहन को रोककर इन्हें चुनाव में प्रयुक्त ईवीएम कहकर अफवाह फैलाई है। आयोग ने दावा किया है कि मतदान में प्रयुक्त सभी ईवीएम स्ट्रांग रूम के अंदर सीलबंद हैं और केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों के त्रिस्तरीय सुरक्षा घेरे में सुरक्षित हैं। ये मशीन पूरी तरह से अलग और सुरक्षित हैं। उसमें सीसीटीवी की निगरानी है। सभी राजनीतिक दलों, प्रत्याशियों के प्रतिनिधियों द्वारा सीसीटीवी के माध्यम से इनकी लगातार चौबीस घंटे सीधी निगरानी की जा रही है। जिला निर्वाचन अधिकारी, वाराणसी द्वारा राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को भी इसके संबंध में जानकारी दी गई।