CM योगी आदित्यनाथ ने बनाया 100 दिन का एक्शन प्लान, योजनाओं को 10 सेक्टर में बांटकर होगा काम, देखे कौन कौन है 10 विभाग


लखनऊ : उत्तर प्रदेश को नंबर एक बनाने का संकल्प लेकर दोबारा सत्ता में आई योगी सरकार ने मिशन मोड पर काम शुरू कर दिया है। सरकार अगले सौ दिन का रोडमैप बना रही है। इसके लिए तय किया है कि विभिन्न विभाग और उनकी योजनाओं को कुल दस सेक्टरों में बांटकर काम किया जाएगा।

इस संबंध में मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा बुलाई गई सभी विभागों की महत्वपूर्ण बैठक में फौरी तौर पर खाका खींच चुके मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने प्रस्तुतीकरण किया। अब 13 से 20 अप्रैल तक योगी अलग-अलग विभागों की सौ दिन की कार्ययोजना का प्रस्तुतीकरण देखेंगे।

यूपी सरकार 2.0 के शपथ ग्रहण के तुरंत बाद ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दे दिया था कि सरकार सौ दिन, छह माह और प्रति वर्ष के लक्ष्य तय कर पांच वर्ष काम करेगी। इसके लिए सौ दिन की कार्ययोजना सभी विभाग बना लें।

कई दिन से मंत्री और अफसर इसकी तैयारी में जुटे हैं। तैयारियों का जायजा लेकर दिशा-निर्देश देने के लिए सीएम योगी ने मंगलवार को लोकभवन स्थित अपने कार्यालय सभागार में सभी विभागों की समीक्षा बैठक आयोजित की। मंत्रियों सहित अधिकारी अब तक अपने स्तर से की गई तैयारियों का ब्योरा लेकर पहुंचे।

मुख्य सचिव ने सौ दिन के लिए समग्र कार्ययोजना का खाका बैठक में प्रस्तुत किया। उसे देखने के बाद सीएम योगी ने निर्देश दिया कि विकास के दृष्टिकोण से दस सेक्टर बना लिए जाएं। विभिन्न विभागों की योजनाओं को शामिल किया जाए। उन पर आपसी समन्वय के साथ विभाग कैसे काम कर सकते हैं, इसकी कार्ययोजना बनाएं। वर्तमान में जो भी अच्छी योजनाएं चल रही हैं, उनका उल्लेख करते हुए उन्हें और गति दी जाए।

उन्होंने जोर दिया कि चुनाव के दौरान भाजपा ने जो लोक कल्याण संकल्प पत्र जारी किया था, उसके सभी बिंदु इस कार्ययोजना में समाहित होने चाहिए। सूत्रों ने बताया कि मुख्य सचिव आधे विभागों की रूपरेखा ही बता पाए थे कि समय काफी हो गया। इस पर निर्णय किया गया कि सभी विभाग अपनी तैयारी अच्छे से कर लें। मुख्यमंत्री 13 से 20 अप्रैल तक अलग-अलग विभागों का प्रस्तुतीकरण देखेंगे।

व्यावहारिक और आर्थिक पहलुओं का रखें ध्यान : सीएम योगी ने बैठक में कहा कि सौ दिन के लक्ष्य तय करते समय व्यावहारिक और आर्थिक पहलुओं का भी ध्यान रखा जाए। मंत्री अपने-अपने विभागों में विचार-विमर्श कर रणनीति बनाएं। ईज आफ लिविंग पर विशेष ध्यान दिया जाए।

दस सेक्टर : विभाग

कृषि उत्पादन : कृषि विभाग, कृषि विपणन एवं विदेश व्यापार, कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण, गन्ना विकास, पशुधन, दुग्ध विकास, मत्स्य, रेशम विकास, लघु सिंचाई एवं भूगर्भ जल, सिंचाई एवं जल संसाधन और सहकारिता।
अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास : अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास, एमएसएमई, हथकरघा एवं वस्द्योद्योग, ऊर्जा, अतिरिक्त ऊर्जा, आइटी एवं इलेक्ट्रानिक्स, नागरिक उड्डयन, लोक निर्माण विभाग, खादी एवं ग्रामोद्योग, एनआरआइ एवं संस्थागत वित्त।
सामाजिक सुरक्षा : समाज कल्याण, महिला कल्याण, दिव्यांगजन सशक्तीकरण, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ, श्रम तथा खाद्य एवं रसद।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य : चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा, आयुष, बाल विकास एवं पुष्टाहार, खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग।
ग्राम्य विकास : ग्राम्य विकास, पंचायतीराज, नमामि गंगे एवं जलापूर्ति, राजस्व तथा ग्रामीण अभियंत्रण सेवा।
नगरीय विकास : आवास एवं शहरी नियोजन, नगर विकास, नगरीय रोजगार एवं गरीबी उन्मूलन, पर्यावरण तथा वन एवं वन्य जीव।
पर्यटन एवं संस्कृति : संस्कृति, पर्यटन, धर्मार्थ कार्य, सूचना तथा भाषा।
शिक्षा : बेसिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, उच्च शिक्षा, व्यावसायिक शिक्षा, प्राविधिक शिक्षा और युवा कल्याण।
राजस्व संग्रह : जीएसटी, कर एवं निबंधन, आबकारी, परिवहन, भूतत्व एवं खनिकर्म।
विविध : गृह, सचिवालय प्रशासन, कार्मिक एवं होमगार्ड्स।
जिलों के दौरे पर भी निकलेंगे सीएम : 13 से 20 अप्रैल तक की अवधि निर्धारित करने के पीछे यह भी तर्क दिया जा रहा है कि विधान परिषद (स्थानीय निकाय) चुनाव की वजह से अभी मंत्रियों को अपने-अपने क्षेत्रों में जाना है। 12 अप्रैल को चुनाव के परिणाम घोषित हो जाएंगे। उसके बाद सौ दिन की कार्ययोजना पर विभागवार काम शुरू किया जाएगा। इसके बाद मुख्यमंत्री जिलों के दौरों पर भी निकलेंगे। उसके पहले सभी जिलों के प्रभारी मंत्री और नोडल अधिकारी भी नियुक्त किए जाने हैं। सौ दिन की कार्ययोजना के तहत कराए जाने वाले कार्यों की निगरानी का जिम्मा भी प्रभारी मंत्री और नोडल अधिकारियों का होगा।