इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आश्रित कोटे में नियुक्ति के मंडी समिति के प्रस्ताव व अधिकारियों की संस्तुति के विपरीत पारित उप्र राज्य कृषि मंडी परिषद के डायरेक्टर के आदेश को रद्द कर दिया है और उन्हें समिति के प्रस्ताव पर विचार कर दो माह में नए सिरे से आदेश करने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति अजित कुमार ने धीरेन्द्र कुमार गुप्ता की याचिका पर दिया है।
याची का कहना है कि उसने आश्रित कोटे में अर्जी दी, जिस पर अपर निदेशक प्रशासन ने मंडी समिति से प्रस्ताव मांगा। समिति ने प्रस्ताव पारित कर याची की नियुक्ति मंडी सुपरवाइजर के तृतीय श्रेणी पद पर किए जाने की संस्तुति की। उप निदेशक प्रशासन ने भी संस्तुति की। इसके बावजूद याची को मंडी निरीक्षक कनिष्ठ श्रेणी पद पर नियुक्ति दे दी गई। याची ने आपत्ति के साथ कार्यभार ग्रहण किया और प्रत्यावेदन के माध्यम से सुपरवाइजर पद पर नियुक्ति की मांग की। कोई सुनवाई न होने पर चुनौती दी गई। कहा गया कि निदेशक को कारण बताए बगैर समिति के प्रस्ताव व अधिकारियों की संस्तुति के विपरीत आदेश करने का अधिकार नहीं है। कोर्ट ने परिषद के वकील से कारण जानना चाहा तो उन्होंने संतोषजनक जवाब नहीं दिया, लेकिन कहा कि मामला पुनर्विचार के लिए वापस भेजा जा सकता है।