कूटरचित अभिलेखों के आधार पर नियुक्ति का मामला, पक्ष न रखने पर रिपोर्ट दर्ज होगी
हरदोई। जिले में फर्जी अभिलेखों के आधार पर पांच शिक्षाकर्मियों की नियुक्ति का मामला सामने आया है। लखनऊ एसटीएफ के एसएसपी ने इसकी पुष्टि की है। पांचों शिक्षाकर्मियों के अभिलेख विश्वविद्यालय स्तर पर हुए सत्यापन में फर्जी पाए गए हैं। एसटीएफ की सूचना पर बीएसए ने सभी से स्पष्टीकरण तलब किया है। 31 जनवरी को उन्हें बीएसए ऑफिस में तथ्यों एवं साक्ष्यों के साथ पक्ष रखने के निर्देश दिए गए हैं।
बेसिक शिक्षा अधिकारी वीपी सिंह ने बताया कि सुरसा ब्लॉक के उच्च प्राथमिक विद्यालय अंटवा सरसैया में अनुदेशक पद पर नियुक्त संगीता पाल, इसी ब्लॉक के उच्च प्राथमिक विद्यालय मोहकमपुर में सहायक अध्यापक गीता देवी, बावन ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय यासीनपुर के प्रधानाध्यापक बृजेंद्र पाल, पिहानी ब्लॉक के उच्च प्राथमिक विद्यालय में अनुदेशक शशिवेंद्र पाल और टड़ियावां ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय टड़ियावां में प्रधानाध्यापक पद पर नियुक्त मंशाराम के शैक्षिक अभिलेख सत्यापन में फर्जी पाए गए हैं। लखनऊ एसटीएफ के एसएसपी के पत्र से इसकी जानकारी मिली है। इन सभी के अभिलेख संबंधित विश्वविद्यालय में दर्ज सूचना से भिन्न पाए गए हैं। विश्वविद्यालय की आख्या में दी गई जानकारी के मुताबिक कूटरचित मामला अभिलेखों के आधार पर नियुक्ति का प्रतीत हो रहा है। सभी को नियमानुसार अपना पक्ष रखने के लिए 31 जनवरी को कार्यालय बुलाया गया है।
यदि वह खुद को निर्दोष सिद्ध नहीं कर पाते हैं तो उन पर एफआईआर दर्ज कराकर नियुक्ति की तिथि से सेवा समाप्त कर दी जाएगी। इसके अलावा नियुक्ति की तिथि से अब तक प्राप्त वेतन व भत्तों आदि की रिकवरी भी कराई जाएगी।