बरेली। माध्यमिक स्कूलों में जुलाई से ही उपचारात्मक शिक्षण शुरू होगा। कक्षाओं के ऐसे बच्चों का चयन किया जाएगा, जिन्हें विषय समझने में दिक्कत आ रही है। यह प्रक्रिया हर विषय की कक्षा में की जाएगी।
कक्षा के कमजोर बच्चों का चयन करके उनके लिए अलग से उपचारात्मक कक्षाएं लगाई जाएंगी शिक्षक तुरंत ही विद्यार्थी की समस्या का समाधान करने और विषय के प्रति उसकी समझ को विकसित करने का प्रयास करेंगे। मासिक परीक्षा में आने वाले अंकों के आधार पर भी विद्यार्थियों की समीक्षा की जाएगी। जिन विद्यार्थियों को विषय की परीक्षा में कम नंबर मिले हैं, शिक्षक उन विद्यार्थियों से बात करके कारण पता लगाएंगे। अगर विषय के प्रति कम समझ इसकी वजह होगी तो शिक्षक इसे दूर करने का प्रयास करेंगे।