अध्यापकों का उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं, जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ ने बनाई रणनीति, मांगें पूरी होने तक डिजिटलाइजेशन का करते रहेंगे विरोध


रायबरेली। परिषदीय विद्यालयों की पंजिकाओं का डिजिटलाइजेशन किए जाने को लेकर जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ ने कहा है कि यह व्यवस्था उन्हें स्वीकार नहीं है। इसे लेकर दबाव बनाया गया या फिर कार्रवाई हुई तो संगठन भी चुप नहीं बैठेगा। जबरदस्त आंदोलन किया जाएगा।

यह बात मंगलवार को उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ की संयुक्त कार्यसमिति की बैठक में तय हुई। कंपोजिट विद्यालय चक अहमदपुर में हुई बैठक में डिजिटलाइजेशन का मुद्दा गूंजा। राष्ट्रीय उपाध्यक्ष समर बहादुर सिंह ने कहा कि अगर विभाग ने किसी शिक्षक के विरुद्ध किसी भी प्रकार की दमनात्मक कार्रवाई की तो संगठन पुरजोर विरोध करेगा। जब तक संगठन की 18 सूत्री मांगों को पूरा नहीं किया जाता, तब तक इस व्यवस्था का बहिष्कार किया जाता रहेगा। जिलाध्यक्ष राघवेंद्र यादव ने 1 से 5 मार्च तक काला
फीता बांधकर चले प्रदर्शन की समीक्षा की बैठक में इस वर्ष सेवानिवृत्त होने वाले शिक्षकों के सम्मान समारोह की रूपरेखा तैयार की गई। यह समारोह 2 अप्रैल को आयोजित करने पर फैसला हुआ। पदाधिकारियों ने कहा कि सेवानिवृत होने वाले शिक्षकों की पत्रावलियां तैयार करा ली जाएं, ताकि उन्हें बेसिक शिक्षा के लेखा कार्यालय समय से भेजकर उनके देयकों का भुगतान कराया जा सके।



अध्यापकों ने काला फीता बांधकर पढ़ाया

रायबरेली। डिजिटलाइजेशन के खिलाफ जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ पहली मार्च का से शुरू हुआ पांच दिवसीय प्रदर्शन मंगलवार को समाप्त हो गया। पांचवें और अंतिम दिन भी शिक्षकों ने विद्यालयों में काला फीता बांधकर बच्चों को पढ़ाया। पूर्व माध्यमिक विद्यालय किला बालिका, कंपोजिट विद्यालय भवानीगढ़, पूर्व माध्यमिक विद्यालय चंदवल, जूनियर हाईस्कूल बेलाभेला, उच्च प्राथमिक विद्यालय सेंहगों, उच्च प्राथमिक विद्यालय मझिगवां करन समेत सभी जूनियर हाईस्कूलों और कंपोजिट विद्यालयों में प्रदर्शन किए गए। विद्यालय अवधि के बाद शिक्षकों ने एकजुट होकर नारेबाजी की। जिलाध्यक्ष राघवेंद्र यादव ने बताया कि 11 मार्च को जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजेंगे। इसके बाद भी कोई सकारात्मक निर्णय नहीं हुआ तो लखनऊ कूच की तैयारी करेंगे। (संवाद)