आधार सत्यापन नहीं होने से दिक्कत, पहली बार 1,24,005 अभिभावकों भेजा गया था पैसा
पडरौना। सरकारी विद्यालयों में नामांकित छात्र-छात्राओं के अभिभावकों के खाते में सरकार की तरफ से गणवेश की खरीदारी के लिए 1,24,005 विद्यार्थियों के अभिभावकों के खाते में शासन की तरफ से प्रति अभिभावक 1100 रुपये भेजी गई थी। लेकिन अभिभावकों का बैंक खाता आधार से सत्यापित नहीं होने की वजह से जिले के 44,045 विद्यार्थियों के अभिभावकों के खाते में अभी तक ड्रेस की धनराशी नहीं पहुंच सकी है।
कुशीनगर जिले में 2,464 परिषदीय 55 माध्यमिक और 56 सहायता प्राप्त जूनियर विद्यालयों में कक्षा एक से आठवीं तक के विद्यार्थियों को शिक्षा के अधिकार नियम के तहत पुस्तक और मिडडे मील के अलावा गणवेश दिया जाता है।
पूर्व के शैक्षिक सत्रों में
विभाग की तरफ से खरीदारी कर विद्यार्थियों में गणवेश, जूता मोजा और स्वेटर का वितरण किया जाता था विभाग की तरफ से गणवेश देने के बाद सामानों की गुणवत्ता में सवाल उठते रहे। इसको गंभीरता से लेते हुए इस बार शासन ने गणवेश, जूता-मोचा और स्वेटर की खरीदारी के लिए
सरकारी विद्यालयों में कक्षा एक से आठवीं तक नामांकित विद्यार्थियों के अभिभावकों के खाते में दो सेट गणवेश, बैग, जूता-मोजा के लिए कुल 1100 रुपये की धनराशि भेजने का निर्णय लिया।
बीते नवंबर माह में शासन ने एक साथ जिले के 1,24,005 विद्यार्थियों के अभिभावकों के खाते में धनराशि भेज दिया। लेकिन 44,045 अभिभावकों का आधार उनके बैंक में सत्यापित नहीं होने से उन्हें गणवेश की खरीदारी के लिए शासन की तरफ से भेजी जाने वाली रकम नहीं मिल सकी है। हालांकि शिक्षा विभाग के जिम्मेदार अभिभावकों को बैंक से आधार सत्यापित कराने के लिए जागरूक कर रहे हैं।
जिले के विभिन्न सरकारी स्कूलों में नामांकित करीब तीन लाख छात्र छात्राओं में 1,24,005 विद्यार्थियों के अभिभावकों के खाते में गणवेश, जूता मोजा और स्वेटर की खरीदारी के लिए 1100 रुपये शासन की तरफ से भेज दिए गए हैं। लेकिन 4405 विद्यार्थियों के अभिभावक का आधार उनके बैंक खाते से सत्यापित नहीं होने से उनके खाते में धनराशि नहीं पहुंच सकी है। जिन अभिभावकों का आधार उनके खाते से सत्यापित नहीं है उन्हें जागरूक किया जाएगा। इसके अलावा 300512 विद्यार्थियों के अभिभावकों का डिटेल सत्यापित कर लिया गया है। शेष विद्यार्थियों के सत्यापन कार्य तेजी से चल रहा है।
उपेंद्र गुप्ता, डीसी सामुदायिक