केंद्र सरकार ने सोमवार को लोकसभा में कहा कि राज्य सरकारें चाहें तो स्कूलों में श्रीमद्भगवद गीता पढ़ाने की व्यवस्था कर सकती हैं। स्कूलों की इच्छा के अनुरूप वहां भोजपुरी भाषा भी पढ़ाई जा सकती है।
केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री अन्नपूर्णा देवी ने कहा, ‘शिक्षा राज्य का विषय है। अगर राज्य सरकार चाहे तो श्रीमद्भगवत गीता को पाठ्यक्रम में शामिल कर सकती है। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के अंतर्गत कक्षा छह, सात व आठ में श्रीमद्भगवत गीता की कुछ सामग्री को पढ़ाया भी जा रहा है।’ उत्तर मुंबई से भाजपा सांसद गोपाल शेट्टी ने प्रश्नकाल के दौरान पूछा था कि क्या सरकार देशभर के स्कूली छात्रों को श्रीमद्भगवत गीता पढ़ाने पर विचार कर रही है। उन्होंने लखीमपुर खीरी प्रकरण को लेकर प्रदर्शन कर रहे कांग्रेस सदस्यों को श्रीमद्भगवत गीता पढ़ने की सलाह भी दी।
एक लिखित सवाल के जवाब में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने बताया कि योग विषय के अंतर्गत श्रीमद्भगवत गीता को यूजीसी-नेट परीक्षा में भी शामिल कर लिया गया है। उन्होंने कहा, ‘अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद ने वर्ष 2018 में यूजी इंजीनियरिंग में भारतीय पारंपरिक शिक्षा प्रणाली कोर्स की शुरुआत की है, जिसमें श्रीमद्भगवत गीता का कुछ हिस्सा शामिल है।’
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