लखनऊ। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों (डायट) में कार्यरत शिक्षकों, कर्मचारियों ने राजकीय शिक्षकों की भांति वेतन नियमित करने की मांग की है।
यूपी एजुकेशनल मिनिस्टीरियल ऑफीसर्स एसोसिएशन के प्रांतीय महामंत्री राजेश चंद्र श्रीवास्तव कहते हैं कि डायट में कार्यरत शिक्षक, कर्मचारी नियमित सेवा के होते हैं। वे तबादला होने पर वहां जाते हैं। इसलिए उनके वेतन की व्यवस्था भी नियमित होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 75 डायट हैं। इनमें प्रत्येक में लगभग एक-एक प्राचार्य, उप प्राचार्य के अलावा छह वरिष्ठ प्रवक्ता, 17 प्रवक्ता, दो सहायक अध्यापक के अलावा दस से 15 शिक्षणेतर कर्मचारी तैनात हैं। इन्हें केंद्रांश व राज्यांश के आधार पर वेतन मिलता है, जो अक्सर विलंब से मिलता है। इन शिक्षकों, कर्मचारियों को हमेशा समय से वेतन न मिलने की शिकायत रहती है। अभी कुछ दिन पहले ही तीन महीने का बकाया वेतन इन्हें मिला है, लेकिन जुलाई का वेतन मिलने की संभावना दूर दूर तक नहीं दिख रही।