दूसरे कार्यकाल की शुरुआत से ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तय कर दिया है कि सरकार तय रोडमैप पर ही चलेगी। सबसे पहले सौ दिन के लक्ष्य तय किए जा रहे हैं। मंत्रियों ने अपने-अपने विभागों के लिए सौ दिन की कार्ययोजना बनवा ली है। मंगलवार से मुख्यमंत्री विभागवार कार्ययोजना का प्रस्तुतीकरण देखकर उसकी समीक्षा करेंगे। जरूरी बिंदु उसमें शामिल कराकर मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों के लिए लक्ष्य निर्धारित करेंगे।
मंत्रिपरिषद के गठन के तुरंत बाद ही सीएम योगी आदित्यनाथ ने मंत्रियों और सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव-प्रमुख सचिवों को निर्देश दे दिया था कि सौ दिन, छह माह और प्रति वर्ष के हिसाब से पांच वर्ष की कार्ययोजना बना लें। इसके साथ ही सभी मंत्री अपने-अपने विभाग की अगले सौ दिन की कार्ययोजना बनवाने में जुट गए।
सभी की तैयारी हो चुकी है और दावे किए जा चुके हैं। अब तय हुआ है कि सीएम योगी खुद एक-एक विभाग की कार्ययोजना देखेंगे। वह कार्ययोजना की समीक्षा करेंगे कि अगले सौ दिन के लिए क्या-क्या काम निर्धारित किए हैं। एक-एक काम की उपयोगिता की जानकारी लेंगे और जरूरत के अनुसार उसमें संशोधन कराएंगे।
सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री कार्ययोजना के हिसाब से अगले सौ दिन के लिए मंत्री और अधिकारियों के लिए लक्ष्य भी तय करेंगे। उसी के आधार पर सौ दिन के बाद क्रमवार सभी के कामकाज की समीक्षा की जाएगी। कहीं किसी काम में देरी न हो, इसके लिए प्रत्येक जिले में प्रभारी मंत्री और नोडल अधिकारी के संयुक्त निरीक्षण का निर्देश वह पहले ही दे चुके हैं। ऐसे में दोनों ही किसी कमी के लिए जवाबदेह माने जाएंगे।
बता दें कि भाजपा की सत्ता में लगातार दूसरी बार वापसी का रिकार्ड 37 वर्ष बाद बना है तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी अपने दूसरे कार्यकाल की शुरुआत से ही 'एक्शन मोड' में हैं। शपथ ग्रहण के कुछ घंटे बाद ही मंत्रियों की बैठक बुलाकर अपनी रीति-नीति उन्होंने समझा दी थी। यह भी साफ कह दिया कि मंत्रियों के कामकाज में उनके परिवार का हस्तक्षेप न रहे और अधीनस्थों पर भी नजर रखें।